इस विद्या को पूरा करने पर व्यक्ति अपने शरीर के आकार को अपनी इच्छा के अनुसार बढ़ाने या घटाने में सक्षम हो जाता है। भगवान हनुमान ने लंका नगरी में प्रवेश करते समय इसी विद्या से अपने शरीर को छोटा किया था।
इंसान की औसत ऊंचाई छह फीट होती है। इस विद्या के माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर के आकार को मच्छर के आकार तक छोटा कर सकता है और अपने शरीर को सौ फीट से भी बड़ा कर सकता है।
कुछ वर्ष पूर्व देहरादून के निकट भैरव पहाड़ी पर योगियों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था और इस सम्मेलन में तैलंग बाबा (एक तपस्वी) ने सैकड़ों योगियों के सामने इस चमत्कारी अभ्यास का प्रदर्शन किया था। यह विद्या आज लगभग विलुप्त हो चुकी है और मेरी राय में केवल तैलंग बाबा ने ही इसे पूरा किया है।
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